बालक आश्रम में शिक्षक की अव्यवस्थाओं का आलम, एक अधिक्षक के भरोसे आश्रम संचालित हो रही, बच्चे की जिंदगी के साथ खेलवाड़।

बालक आश्रम में शिक्षक की अव्यवस्थाओं का आलम, एक अधिक्षक के भरोसे आश्रम संचालित हो रही, बच्चे की जिंदगी के साथ खेलवाड़।
संवाददाता, बालक राम यादव
सुकमा : जिले में शिक्षा व्यवस्था लचर हो चुकी है,बालक आश्रम में शिक्षक की अव्यवस्थाओं के कारण बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, जहां एक ही अधिक्षक के भरोसे बालक आश्रम को जिम्मेदार सौप दी गई है, जहां बच्चे की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, जिससे लेकर प्रदेश सचिव दुर्गेश राय गुम्मा बालक आश्रम पहुंचकर सुनी बच्चों की परेशानी
सुकमा क़े छिंदगड़ विकास खण्ड अंतर्गत सयुक्त बालक आश्रम गुम्मा क़े अधीक्षक के भरोसे है, 148 बच्चों का भविष्य जिम्मेदार अधिकारी नहीं ले रहे है सुध कई बार स्थानी जनप्रतिनिधियों ने विभागीय अधिकारी को बोलने के बावजूद टीचर की व्यवस्था नहीं कर पाना दुर्भाग्य जनक है। अधीक्षक पढ़ाएगा की आश्रम व्यवस्था देखेगा आश्रम क़े 100 बच्चे और गाँव क़े 48 बच्चों को एक अधीक्षक क़े भरोसे छोड़ दिया है जिम्मेदार लोग लचर व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं युक्ति युक्त कारण को लेकर स्कूलों को मर्ज करने का काम किया है जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है सरकार के नुमाइंदे किस चीज का पैसा पर मंथ ले रहे है की ब्लाक मुख्यालय से 17 km का सफर तय कर बच्चों को हों रही परेशानी न सुन सकते न देख सकेते है और अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल मे पढ़ा रहे है तों गरीब क़े बच्चों क़े साथ इनको क्या सरोकार यह हाल है
बच्चों ने लगाई थी गुहार दुर्गेश राय से कुछ घंटो मे पहुचे बच्चों क़े बीच और बच्चों की बात गंभीरता से लेते हुए जल्द ही टीचर व्यवस्था का आश्वशन भी दिया बहुत जल्द आपकी समस्या जिला क़े कलेक्टर से लेकर शिक्षा विभाग क़े उच्च अधिकारी को बताकर आपकी समस्या का निराकरण किया जायेगा।
जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द टीचर की व्यवस्था किया जाए एक अधीक्षक पांच कक्षाओं को किस तरह पढ़ा पायेगा पहली से लेकर पांचवी तक 4 से 6 विषय हर कक्षा में पढ़ना पड़ता है एक सब्जेक्ट पढ़ने के लिए आधा घंटा से 45 मिनट तक का समय लगता है अधीक्षक को अन्य कार्य करने का होता है अधीक्षक पढ़ाएगा की आश्रम के अन्य काम भी करेगा शिक्षा विभाग ने संयुक्त बालक आश्रम गुम्मा क़े बच्चों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौक़े पर पहुंच टीचर की कमी पर काफ़ी नाराज दिखे साथ ही उक्त बालक आश्रम में शक्त शिक्षक की आवश्यकता है, जहां बच्चे अच्छी शिक्षा का लाभ ले सकते हैं।