झाड़ फूंक बैंगा गुनिया के चक्कर में एक महिला की मौत, अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ दी।

झाड़ फूंक बैंगा गुनिया के चक्कर में एक महिला की मौत, अस्पताल पहुंचते ही दम तोड़ दी।
संवाददाता, बालक राम यादव
सुकमा : जिले में आधा फ़साना आधा हकीकत पर विश्वास कर बैंगा गुनिया झाड़ फूंक से महिला की जान नहीं बजा सके इसलिए मैं कह रहा हूं आधा फ़साना आधा हकीकत, आधा हकीकत के चलते महिला को तत्काल अस्पताल नहीं ला करके झाड़ फूंक पर ग्रामीणों ने विश्वास किए जहां महिला अस्पताल पहुंचते ही मौके पर मौत हुई।
सुकमा में एक बार फिर अंधविश्वास ने ले ली एक आदिवासी महिला की जान। सुकमा जिले के करीगुंडम गांव में करेंत सांप के डसने के बाद महिला को समय पर इलाज नहीं मिल सका, क्योंकि परिजन पूरी रात झाड़-फूंक में उलझे रहे । जब तक महिला को अस्पताल लाया गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और उसने अस्पताल के दरवाज़े पर ही दम तोड़ दिया।
मृतका मड़कम भीमे खेत से लौटकर अपने घर में सो रही थी, तभी रात करीब 1 बजे सांप ने उसे काट लिया। मगर अस्पताल ले जाने की जगह गांव वालों ने झाड़-फूंक शुरू कर दी। ओझा बुलाया गया, झाड़ फूँक करवाया गया, लेकिन इलाज का एक भी कदम नहीं उठाया गया।
सुबह करीब 6 बजे जब महिला की हालत बिगड़ गई, तब उसे निजी वाहन से दोरनापाल अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय पर उपचार मिलता तो महिला की जान बच सकती थी। यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है की क्या अब भी हम अंधविश्वास छोड़कर समय पर इलाज को प्राथमिकता देंगे?