बड़ी खबर : 24 लाख रूपये के ईनामी माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण,06 ईनामी समेत 09 माओवादियों ने सरेंडर किए।

24 लाख रूपये के ईनामी माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण,06 ईनामी समेत 09 माओवादियों ने सरेंडर किए।
ब्यूरो रिपोर्ट
बीजापुर : जिले के माड़ डीविजन कंपनी नम्बर 01 के पार्टी सदस्य, प्लाटून नम्बर 12, प्लाटून नम्बर 13 के ACM, पार्टी सदस्य-03 कुल 24 लाख के 06 ईनामी माओवादी सहित 09 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण।
आत्मसमर्पण करने वालों में माड़ डीवजिन अन्तर्गत कंपनी नम्बर 01 सदस्य-01, प्लाटून नम्बर 12 ACM -01, प्लाटून नम्बर 13 ACM-01, दक्षिण बस्तर डीविजन टेक्निकल टीम सदस्य, DGN(धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ )डीविजन अन्तर्गत चिन्नापल्ली एरिया कमेटी पार्टी सदस्य-01, एरिया कमेटी पार्टी सदस्य-02, उीएकेएमएस सदस्य-01, भूमकाल मिलिशिया कमांडर-01 शामिल है।
अंदरूनी क्षेत्रों में नवीन सुरक्षा कैम्प की स्थापना के साथ शासन की विकासोन्मुखी कार्य सड़कों का विस्तार, परिवहन की सुविधा, पानी, बिजली एवं शासन की अन्य जनकल्याणकारी योजना ग्रामीणों तक पहुंचने लगी है। सुरक्षा बलों का ग्रामीणों के साथ हो रहे सकारात्मक संवाद, सामुदायिक पुलिसिंग के तहत् दी जा रही जनकल्याकारी योजनाओं की जानकारी एवं छ0ग0 शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार प्रसार से माओवादी संगठन से मोहभंग हुआ है।
संगठन के विचारों से हुआ मोहभंग और मिली निराशा एवं संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद, समाज की मुख्यधारा से जुड़कर सुरक्षित पारिवारिक जीवन जीने की चाह के चलते किये आत्मसमर्पण।
01 जनवरी 2025 से अब तक माओवादी घटना में शामिल 310 माओवादी गिरफ्तार हुए, 277 माओवादियो ने आत्मसमर्पण किया एवं जिले में अलग-अलग मुठभेड़ में कुल 131 माओवादी मारे गए है।
01 जनवरी 2024 से अब तक गिरफ्तार माओवादी- 1013 आत्मसमर्पण माओवादी-466 एवं जिले में अलग-अलग मुठभेड़ में 189 माओवादी मारे गये है।
आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने वाले सभी माओवादियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50-50 हजार रुपए का चेक प्रदान किया गया।
छत्तीगढ़ शासन एवं भारत सरकार के मंशाानुरूप, नक्सल उन्मूलन हेतु जिला में चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत डीआरजी, जिला बल, एसटीएफ, कोबरा व के. रि. पु. बल के द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासो से तथा छ.ग. शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति साथ ही छ.ग. शासन द्वारा चलाये जा रहे नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर माड़ डीवजिन अन्तर्गत कंपनी नम्बर 01 सदस्य-01, प्लाटून नम्बर 12 ACM -01, प्लाटून नम्बर 13 ACM-01, दक्षिण बस्तर डीविजन टेक्निकल टीम सदस्य, DGN(धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ )डीविजन अन्तर्गत चिन्नापल्ली एरिया कमेटी पार्टी सदस्य-01, एरिया कमेटी पार्टी सदस्य-02, डीएकेएमएस सदस्य-01, भूमकाल मिलिशिया कमांडर-01 कुल 09 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आज 06/08/2025 को उप पुलिस महानिरीक्षक, दंतेवाड़ा रेंज दंतेवाड़ा कमलोचन कश्यप, उप महानिरीक्षक के रि पु सेक्टर बीजापुर बी.एस.नेगी, पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव, कमांडेंट 199 बटालियन के.रि.पु. आनंद कुमार, कमांडेंट 85 बटालियन के.रि.पु.सुनिल कुमार राही, कमांडेंट 20 अमित कुमार, कमांडेंट 202 कोबरा अमित कुमार, कमांडेंट 210 कोबरा अशोक कुमार, अति0 पुलिस अधीक्षक बीजापुर रविन्द्र कुमार मीणा, अति.पुलिस अधीक्षक चन्द्रकांत गवर्ना, अति.पुलिस अधीक्षक ऑप्स यूलैण्डन यार्क, उप पुलिस अधीक्षक घनश्याम कामड़े, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस तिलेश्वर यादव, उप पुलिस अधीक्षक डीआरजी विनीत साहू, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुदीप सरकार, उप पुलिस अधीक्षक बस्तर फाईटर चन्द्रहास के समक्ष आत्मसमर्पण किये।
इन आत्मसमर्पित माओवादी को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
01. बक्सू ओयाम पिता सन्नू ओयाम उम्र 27 वर्ष जाति मुरिया निवासी बोड़गा पटेलपारा थाना भैरमगढ़ जिला बीजापुर छ0ग0 पद- माड़ डीविजन अन्तर्गत कंपनी न. 01 पार्टी सदस्य, ईनाम – 08 लाख ईनाम रूपये, वर्ष 2007 से सक्रिय।
02. बुधराम पोटाम पिता लक्खू पोटाम उम्र 36 वर्ष जाति मुरिया निवासी पुसनार थाना गंगालूर जिला बीजापुर पदनाम- प्लाटून नम्बर 12- एसीएम, ईनाम – 05 लाख ईनाम रूपये, वर्ष 2000 से सक्रिय।
03. हिड़मा ऊर्फ हिरिया पिता देवा सोढ़ी उम्र 26 वर्ष जाति मुरिया निवासी हिरमागुण्डा गोंदेपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर छ.ग. पद- पश्चिम बस्तर डीविजन प्लाटून न0 13 एसीएम । ईनाम – 05 लाख रूपये , वर्ष 2010 से सक्रिय।
04. मंगू उईका ऊर्फ टोग्गी पिता स्व0 पाण्डू उम्र 38 वर्ष निवासी मल्लेपल्ली स्कूलपारा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर छ0ग0 पद- दक्षिण बस्तर डीविजन टेक्निकर टीम सदस्य , ईनाम- 02 लाख रूपये, वर्ष 2004 से सक्रिय।
05. रोशन कारम ऊर्फ सोनू ऊर्फ अजित पिता आयतु कारम उम्र 24 वर्ष जाति मुरिया निवासी एड़समेटा पोर्रेपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर पद- DGN (धमतरी -गरियाबंद-नुआवाड़) डीविजन अंतर्गत चिन्नापल्ली एरिया कमेटी पार्टी सदस्य। ईनाम 02 लाख रूपये , वर्ष 2010 से सक्रिय।
06. मंगलों पोड़ियाम पिता सन्नू पोड़ियाम उम्र 23 वर्ष जाति मुरिया निवासी दरभा काकलूरपारा थाना कुटरू जिला बीजापुर छ0ग0 , पदनाम- भैरमगढ एरिया कमेटी पार्टी सदस्या । ईनाम 02 लाख रूपये, वर्ष 2021 से सक्रिय।
07. कमलू हेमला ऊर्फ कुम्मा पिता लक्खू हेमला उम्र 28 वर्ष जाति मुरिया निवासी फुलादी गायतापारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर, पदनाम- फुलादी आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 2006 से सक्रिय।
08. बुधराम हेमला पिता बोडडा उम्र 47 वर्ष जाति मुरिया निवासी फुलादी कुंजामपारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर , पदनाम फुलादी आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 2014 से सक्रिय।
09. पण्डरू पूनेम ऊफ पदखूटा पिता मंगू पूनेम ऊर्फ हापू उम्र 38 वर्ष जाति मुरिया निवासी मनकेली मेटापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, पदनाम मनकेली भूमकाल मिलिशिया कमांडर , वर्ष 1997 से सक्रिय।
छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति और नियद नेल्लानार योजना के कारण कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि पुनर्वास, रोजगार और शिक्षा। इसके अलावा, नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए भी राहत और पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है। यह योजना माओवादियों को आत्मसमर्पण करने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके परिणाम स्वरूप कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में शांतिपूर्ण जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
जिला बीजापुर सहित नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में माओवादियों के आत्मसमर्पण के पीछे अनेक महत्वपूर्ण कारण सामने आ रहे हैं। इनमें विकास कार्यों की तेजी सबसे प्रमुख कारणों में से एक रही है। सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण, बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं की पहुंच ने माओवादियों को गहराई से प्रभावित किया है। इसके अतिरिक्त, संगठन के विचारों से मोहभंग, लंबे समय तक अपेक्षित परिवर्तन न आना, और आंतरिक कलह तथा मतभेदों में लगातार वृद्धि ने भी उन्हें आत्ममंथन के लिए बाध्य किया है। संगठन के भीतर विश्वास की कमी और अनिश्चित भविष्य ने भी उनके निर्णय को प्रभावित किया है। इन सब कारणों के चलते अनेक माओवादी आत्मसमर्पण कर शांति की राह पर लौटने का निर्णय ले रहे हैं और समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर एक नया जीवन आरंभ कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन की नवीन पुनर्वास नीति ने कई माओवादियों को नई उम्मीद दी है और उन्हें संगठन के भीतर शोषण और क्रूर व्यवहार से बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया है। यह नीति उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटकर सामान्य जीवन जीने की आशा देती है । इसके अलावा सुरक्षा बलों के लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में कैम्प स्थापित करने और क्षेत्र में चलाए जा रहे आक्रामक अभियानों ने भी माओवादियों को संगठन छोड़ने के लिए प्रेरित किया है। आत्मसमर्पित माओवादी क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत रहे हैं और अब वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए तैयार हैं । यह पुनर्वास नीति छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना और उन्हें सामान्य जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है। आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन हेतु छ0ग0 शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत् 50000-50000/- रूपये पचास हजार रूपये का चेक प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किया गया
जिस प्रकार से क्षेत्र में माओवादियों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई जारी है और माओवादी संगठन को काफी नुकसान हुआ है आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की आसूचना प्राप्त हो रही है। आत्मसमर्पण कराने में डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ, केरिपु 199, केरिपु 85 वाहिनी एवं कोबरा 201, 202, 210 एवं RFT का विशेष योगदान रहा है ।
अपील” — समाज की मुख्यधारा में लौटने का आह्वान
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने माओवादियों से अपील की है कि वे छत्तीसगढ़ शासन की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित होकर शांतिपूर्ण एवं सम्मानजनक जीवन की ओर अग्रसर हों। उन्होंने बताया कि सरकार की इस पुनर्वास नीति के अंतर्गत मिलने वाली आर्थिक सहायता, पुनर्वास के अवसर, रोजगार एवं शिक्षा संबंधी सुविधाएं माओवादियों को आकर्षित कर रही हैं। इसी के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वालों के परिजन भी चाहते हैं कि वे लौटकर सामान्य जीवन जीये और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। उन्होंने नक्सलियों से आह्वान किया कि वे बाहरी तत्वों की भ्रामक विचारधाराओं को त्यागें और निर्भय होकर सामाजिक जीवन में लौटें।