04 अगस्त को डाॅक्टर नदारद रहे,डाॅक्टरो ने एक मरीज़ महिला को तीन दिन से इलाज नहीं की, इलाज नहीं करने से महिला की मौत हुई .. जानिए पूरी खबर

04 अगस्त को डाॅक्टर नदारद रहे,डाॅक्टरो ने एक मरीज़ महिला को तीन दिन से इलाज नहीं की, इलाज नहीं करने से महिला की मौत हुई .. जानिए पूरी खबर
संवाददाता, बालक राम यादव
सुकमा : जिले के जिला मुख्यालय में स्थित जिला अस्पताल में सोमवार को बस्तर समय ने जिला अस्पताल पहुंच कर वार्डों के मरीजो से जानकारी ली गई कि उन्होंने कहा कि आज सुबह से ही जिम्मेदार डाॅक्टर अस्पताल में मरीजों को देखने एवं इलाज करने नहीं पहुंचे स्टाफ नर्सों के भरोसे मरीजों को डाॅक्टरो ने छोड़ दिया गया, साथ ही एमरजेंसी वार्ड में मौजूद रहे डाॅक्टर से भी डाॅक्टरो के बारे में जानकारी ली गई लेकिन उन्होंने भी यही कहा कि मुझे जानकारी नहीं है। और अधिक जानकारी के लिए सर्जन डॉ. से फोन मिलाया गया लेकिन जवाब नहीं दिया, जिससे पुख्ता जानकारी नहीं मिली आपको बता दें जिम्मेदार डाॅ. सुबह से ही अस्पताल से नदारद रहे तो मरीजों का क्या हाल होगा, मरीजों की जान जोखिम में डालकर डाॅक्टर अस्पताल से नदारद रहना सवाल खड़े हो रहे हैं इस जिला अस्पताल प्रबंधन की सबसे बड़ी लापरवाही सामने खड़े हो रही है।
डाक्टरों की लापरवाही ने एक महिला मरीज की जान ले ली।
जिले के अंदरूनी क्षेत्र ग्राम पंचायत फूलबाड़ी के पूर्व सरपंच माडवी आयात के पत्नी माडवी सुकड़ी पति माडवी आयात उम्र 45,वर्ष को तबियत खराब होने के कारण जिला अस्पताल में इलाज के लिए 02-अगस्त -25 को भर्ती करवाया गया, जहां उक्त मरीज़ को जिम्मेदार डाॅक्टर ने नज़र अंदाज़ कर इलाज नहीं किया गया।
आपको बता दें कि ,माडवी सुकड़ी को अस्पताल में भर्ती करके तीन दिन बीत गए लेकिन लाचारी लापरवाही करते हुए डॉक्टर ने इलाज या रेफर तक करने को नहीं कहा गया जिसको देखते हुए मरीज़ के परिवार ने कल सोमवार 04 अगस्त 25 को निजी वाहन के माध्यम से भद्राचलम रेफर किया गया और भद्राचलम अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया गया लेकिन इलाज के दौरान माडवी सुकड़ी ने आज मंगलवार सुबह 08 बजे अस्पताल में दम तोड़ दी।
गौरतलब है कि जिला अस्पताल सुकमा में उक्त महिला मरीज को भर्ती करते ही इलाज करने से उक्त महिला सुकड़ी जान बचाई जा सकती थी, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही ने एक महिला की मौत के जिम्मेदार जिला अस्पताल सुकमा की डाक्टरों की है जिसे दोषियों पर जांच कर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
जिला प्रभारी रामा सोडी ने कहा डाॅ. जिम्मेदारी नहीं निभा रहे।
राज मोर्चा के जिला प्रभारी रामा सोडी भी उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला अस्पताल सुकमा में 04-अगस्त 25 को मौजूद रहे, जहां पूरे डाॅक्टर स्टाप अस्पताल में सुबह से ही नदारद रहे उक्त समस्या को लेकर रामा सोडी ने कई ऐसे मरीजों का हाल जाना गया मरीजों ने बताया कि चार पांच दिन झांकने तक डाॅक्टर नहीं आ रहे हैं,सोडी ने मरीजों का हाल सुन कर नाराजगी जताया था साथ ही अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े हो रही है, जहां शौचालयों में गंदगी की भरमार एवं बिजली गुल से समस्या, पानी किल्लत समस्या की हालत बनी हुई है।
उन्होंने मांडवी सुकड़ी के बारे बताते हुए कहा कि जब महिला मरीज को 02 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है,सोनोग्राफी रिपोर्ट भी दी गई और 04 अगस्त तक घोर लापरवाही करते हुए जिम्मेदार डाॅक्टरो ने नज़र अंदाज़ कर इलाज नहीं किया जाना अस्पताल प्रबंधन की सबसे बड़ी लापरवाही करने को लेकर सवाल खड़े हो रही है, जहां डाक्टरों ने सुकड़ी को तीन दिन बीत जाने के बावजूद इलाज नहीं करने के कारण परिजनों ने सोमवार 04 अगस्त को निजी वाहन से भद्राचलम रेफर किया गया जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हुई, उन्होंने कहा उक्त महिला की मौत सुकमा जिला अस्पताल की डाॅक्टर की लापरवाही के कारण मौत हुई है जिसे जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने जिला शासन प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला अस्पताल हों या समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाॅक्टरो की किल्लत एवं इलाज के लिए उपकरणों की कमी है, जिसे शासन प्रशासन को ध्यान आकर्षित करते हुए व्यस्था करनी चाहिए जिसे मरीजों की जान बचाई जा सके।
शौचालय की स्थिति दरवाजे कही रस्सी में बांध दिए कहीं कटा पटा कही गंदगी से भरे पड़े।
जिला अस्पताल सुकमा में शौचालय की स्थिति बहुत खराब है और गंदगी से भरे हुए हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है।
शौचालयों में गंदगी जिला अस्पताल के शौचालयों में अक्सर गंदगी और पानी भरा रहता है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी होती है। स्वच्छता की कमी
अस्पताल में स्वच्छता की कमी है, जिससे मरीजों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
मरीजों को परेशानी शौचालय की स्थिति के कारण मरीजों और उनके परिजनों को असुविधा का सामना करना पड़ता है, खासकर उन मरीजों को जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं।जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी
अस्पताल प्रशासन और संबंधित अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे स्थिति और भी बदतर हो गई है.
स्वास्थ्य के लिए खतरा
शौचालय में गंदगी और संक्रमण के कारण मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जो अस्पताल के वातावरण के लिए हानिकारक है।
जिला अस्पताल में शौचालयों की सफाई और स्वच्छता पर ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता है ताकि मरीजों और उनके परिजनों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।