मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान शासन की पहली प्राथमिकता, प्रभावी कार्य योजना बनाकर करें काम।

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान शासन की पहली प्राथमिकता, प्रभावी कार्य योजना बनाकर करें काम।
प्रभारी सचिव डॉ. प्रियंका शुक्ला ने ली स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों को नियमित फील्ड विज़िट करने के निर्देश।
सुकमा : बस्तर समय , संवाददाता, बालक राम यादव, जिले के आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु जिला अस्पताल के सभाकक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव भी उपस्थित थे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख योजनाओं, उनके लक्ष्यों, प्राप्तियों और जमीनी कार्यों की विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक की शुरुआत में डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान राज्य शासन की प्राथमिकता में है और यह बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। मलेरिया को खत्म करने लिये शासन हर संभव प्रयास कर रही है। मलेरिया पैरासाइट को खत्म करने के लिए शत प्रतिशत जनसंख्या का स्क्रीनिंग करना अनिवार्य है। मलेरिया पॉजिटिव मरीज के ठीक हो जाने के बाद 1 महीने पश्चात फिर से उस मरीज का फॉलो अप करके ब्लड सैंपल लेकर जांच किया जाए की कहीं मलेरिया वापस तो नहीं आ गया। मलेरिया के अधिक प्रभाव वाले स्थानों में छिन्दगढ़ और कोंटा विकासखंड के गांव आते हैं तो वहां विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। फील्ड के अधिकारी और स्वास्थ्य कार्यकर्ता लगातार क्षेत्र का भ्रमण करें और बुखार से पीड़ित व्यक्ति का मलेरिया जांच भी करना सुनिश्चित करें। इस अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मलेरिया के लार्वा को खतम करने के लिए मलेरिया रोधी दवा का छिड़काव घरों और पानी के जमाव वाले स्थानों में करना सुनिश्चित करें। हॉस्टल, आश्रम और गांवों में मच्छरदानी के उपयोग को प्रोत्साहित करना जरूरी है। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान सरकार की प्राथमिकता में है और किसी भी मरीज की जान मलेरिया से नहीं जानी चाहिए। उन्होंने मलेरिया नियंत्रण के लिए फील्ड में जाकर जागरूकता फैलाने और चिकित्सा कार्यों को और अधिक सघन करने के निर्देश दिए मीटिंग के दौरान डॉ शुक्ला ने कहा कि हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर उनकी सतत निगरानी करने और उनकी नियमित स्वास्थ्य जाँच करने के निर्देश दिए। गर्भवती और शिशुवती महिलाओं का शत-प्रतिशत टीकाकरण कर पोर्टल में एंट्री सुनिश्चित करें। उन्हें जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि तत्काल उपलब्ध करायें। महिलाओं को परिवार नियोजन के लिए जागरूक करें। मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए महिलाओं को सही उम्र में माँ बनने और 2 बच्चों के बीच कम से कम 3 साल का अंतर रखने की सलाह दें। पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर नजदीकी पोषण पुनर्वास केंद्र ले जाना सुनिश्चित करें। सभी स्कूलों में अल्बेंडाज़ोल के टेबलेट वितरित करना और उसे बच्चों को खिलाना सुनिश्चित करें। टीबी के मरीजों के इलाज संबंधित सभी जानकारी निक्षय निरामया पोर्टल में एंट्री करें। दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित हाट बाजार में स्वास्थ्य क्लिनिक लगाना सुनिश्चित करें। 30 वर्ष से अधिक हॉस्पिटल आने वाले सभी लोगों का एनसीडी स्क्रीनिंग करना आवश्यक है। आयुष्मान वय वंदन योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें ताकि जरुरतमंद बुजुर्ग लोगों को इसका फायदा मिल सके। रीयल टाइम मॉनिटरिंग के लिए ई-हॉस्पिटल का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
डॉ. शुक्ला ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पूरी मेहनत, पारदर्शिता और आपसी समन्वय से कार्य करें। डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं और मरीजों की सेवा करने में बहुत ही पुण्य मिलता है। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा है कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और इसके लिए जमीनी स्तर पर ठोस कार्यवाही जरूरी है। इसके पश्चात डॉ शुक्ला ने जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड और पुरुष वार्ड में जाकर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया और मरीजों से उपलब्ध संसाधनों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने मरीजों के बेड में प्रॉपर चार्टिंग करने के निर्देश दिए।
बैठक में डिप्टी कलेक्टर रविशंकर वर्मा, सीएमएचओ डॉ. आरके सिंह और अन्य राज्यस्तरीय अधिकारी, जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद थे।