छत्तीसगढ़
जहाँ गूँजती थी नक्सलियों के बंदूक़ की गोलियाँ वहाँ बजेगी फ़ोन की घंटी।

जहाँ गूँजती थी नक्सलियों के बंदूक़ की गोलियाँ वहाँ बजेगी फ़ोन की घंटी।
संवाददाता बालक राम यादव
सुकमा : अतिसंवेदनशील इलाक़ों मे लगातार खुल रहे नवीन कैंपों के बाद खुल रहे विकास के नये द्वार।
ज़िला मुख्यालय से लगभग कटऑफ़ हो चुके गाँव विकास से जुड़ने लगे हैं,सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के अथक प्रयास से नियद नेल्लानार के तहत सलातोंग एवं बेदरे मे लगा जियो टॉवर,अब बाक़ी बड़े शहरों के युवाओं की तरह सलातोंग और बेदरे के युवा भी बहतर पढ़ाई के लिए मोबाईल से शिक्षा हासिल कर सकेंगे।
अत्याधुनुनिक युग से जुड़ेंगे अतिसंवेदनशील माना जाने वाला इलाक़े के ग्रामीण।
लगातार सुकमा एसपी किरण चव्हाण के प्रयास से नक्सली उन्मूलन के साथ साथ विकास नियद नेल्लानार के तहत पहुँच रहा अंदरूनी गाँवों तक।