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बड़ी खबर : विद्युत विभाग के अधिकारी सबसे बड़ी लापरवाही बरत रहे, नागरिक अंधेरे में जूझने में मजबूर।

विद्युत विभाग के अधिकारी सबसे बड़ी लापरवाही बरत रहे, नागरिक अंधेरे में जूझने में मजबूर।

संवाददाता बालक राम यादव
सुकमा : जिले के ग्राम पंचायत मुरतोण्डा के गोलागुडा में स्थित डीओ में भारी समस्या में नागरिक जूझ रहे हैं.जिला मुख्यालय से महज 4-5 किलोमीटर की दूरी पर गोलागुडा स्थित है.विद्युत विभाग सौतेला व्यवहार कर सबसे बड़ी लापरवाही बरती जा रही है. आपको बता दें कि अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शासन प्रशासन ने नागरिकों को विद्युत कनेक्शन को लेकर सौर पैनल लगाकर रोशनी की व्यवस्था दे रखी है. दरअसल गोलागुडा में विद्युत कनेक्शन लगी लगभग 10-12 वर्ष हुई है.जब से विद्युत कनेक्शन दी गई है तब से कभी भी नागरिकों को बिजली व्यवस्था में लापरवाही बरती गई है.एक सप्ताह में दो से तीन दिन आंखमिचौली से बिजली व्यवस्था मिल रही है. और निरंतर डीओ उड़ जाती है. जिसे स्थानीय नागरिकों के द्वारा ही डीओ चढ़ाई जाती है. विद्युत कर्मचारी भी कभी भी डीओ चढ़ने को लेकर ग्राउंड पर मौजूद नहीं रहते है. कभी भी यहां की ग्रामीणों की बड़ी घटना होने की संभावना बनी हुई है. अगर कोई अप्रिय घटना घटित होने से इसकी जिम्मेदार कौन होगा ऐ कैसी बिजली व्यवस्था आए दिन डीओ उड़ने की समस्या को निराकरण नहीं किया जा रहा है। बरसात के दिनों में एक सप्ताह तक बिजली गुल की समस्या निरंतर बनी रहती है. जिम्मेदार अधिकारी देखते हुए भी अनदेखी की लापरवाही बरती जा रही है।
निरंतर बिजली की आंखमिचौली बड़े पैमाने पर शुरू है. दिन तो गुजर जाता है लेकिन रात में अधिक परेशानी होती है. रात में लाइन बंद होने से मच्छरों के प्रकोप से नागरिक तंग आ गए हैं, जिससे नींद हराम हो गई है. नागरिक जब इस बारे में अधिकारियों को फोन करते हैं तो कोई अधिकारी फोन नहीं उठाता है। शिकायत करने के लिए विद्युत कार्यालय में शिकायत करने के बाद मौजूद कर्मचारी के द्वारा बताया जाता है कि कर्मचारी दूसरी ओर डिवटी पर है और वहां कि समस्या के बारे में अधिकारी के द्वारा सूचना दी गई है। ऐसा हालत पर क्या कहा जा सकता मामला सवालों के घेरे में सामने निकल कर आ रही है. यहां के निवास करने वाले ग्रामीण अंधेरे में जूझने में मजबूर हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए नज़र आ रहे हैं।दरअसल यहां की बिजली समस्या निराकरण किया जा सकता है. जब की गोलागुडा से सुकमा 4-5 किलोमीटर दूरी पर है और गोलागुडा से गादीरास 17-18 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. लेकिन विद्युत विभाग अपनी मनमानी के चलते सुकमा से विद्युत कनेक्शन व्यवस्था करने के बजाय गादीरास से विद्युत कनेक्शन व्यवस्था की गई साथ ही ट्रांसफार्मर को सुकमा मुख्यालय के विद्युत कनेक्शन व्यवस्था करने से कोई भी समस्या नहीं हो सकती है। ज्ञात हो कि अतिसंवेदनशील क्षेत्र के 15-20 गांव को जोड़ने वाली विद्युत कनेक्शन में गोलागुडा में स्थित डीओ में जोड़ दी गई है. जिससे घना जंगल एरिया क्षेत्र होने आए दिन बिजली गुल की समस्या बनी हुई है। इतनी बड़ी समस्या होने के बावजूद विद्युत विभाग के अधिकारीयों की नजर नहीं है।

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